Tuesday, April 1, 2008

स्वर्ग (जन्नत)के कुछ द्रश्य (नज़ारे)

वैदिक स्वर्ग के कुछ दृश्य और विशेषताएँ यहाँ पेश हैं-

'हजारों नहरें मधु के स्वाद वाली तीसरे आकाश में बहती हैं ' (ऋग्वेद ९:७४:६ )

घी के हौज मधु के तालाब शराब से बहती हुयी दूध -दही और पानी से सींचने वाली सब मीठी नहरे स्वर्ग में तुझे मिलेगीं और सब कमल वाली झीलें तुझे प्राप्त होंगी (अथर्ववेद ४:३४:६ )

वह ईश्वर मेरे पास शहद , घी और शराब के साथ आया है। (अथर्ववेद १०: ६ :२५ )

वहाँ बुढापा ,शोक और थकावट नहीं , न वहाँ कोई भय है ;वहाँ गंधर्व और मनोहर अप्सराएं नृत्य ,वाद्य ,गीतों ,नाना प्रकार के हास्य द्वारा मनोरंजन करती हैं। (सभा पर्व, महाभारत ,अध्याय ७,मन्त्र २४ )

युद्ध में मारे गए वीर के लिए जलदान ,स्नान ,और न अशौच संबंधी कौम किया जाता है । लडायी में मरेगाए शूरवीर की ओर हजारों अप्सराएं यह आशा लेकर बड़े उतावलेपनके साथ दौड़ती हैं कियह मेरा पति हो जाए । (महाभारत , शान्तीपर्व ,अध्याय ९८ )

Monday, March 31, 2008

अप्रिल फूल की हकीक़त

मुस्लिम कौम को बेवकूफ बनाने का दिन है अप्रिल फूल यानी १ अप्रैल । यही वो दिन है जब यहूदी साजिश पूरी तरह कामयाब हुयी और स्पेन की आखिरी सल्तनत और उसका किला (Grenada )गर्नातः फतह कर लिया गया। और इसी दिन को अप्रिल फूल के तौर पर मनाया। जानते हैं क्यों ? क्योंकी इसी दिन मुस्लिम फौज को बेवकूफ बना कर स्पेन की मुस्लिम हुकूमत को गुलाम बनाया गया।
स्पेन को जीतना किसी भी फौज के लिए बहुत कठिन मरहला था । वो इसलिए क्योंकि स्पेन के मुस्लिम राकावे वाले परहेज़गार मुसलमान थे जिन से लड़ कर जीतना मुमकिन नहीं था इस लिए यहूदी ताक़तों ने ये साजिश की कि उन्हें शराब और सिगरेट को मुफ्त पिलाना शुरू किया और जब पाया कि इनके ईमान ख़राब हो चुके हें उन पर हमला कर दिया और इस चाल से स्पेन की आठ सौ साल पुरानी इस्लामी हुकूमत को अपने कब्जे में ले लिया यह दिन था एक अप्रैल का । और इसी दिन से शुरुरात हुयी अप्रिल फूल बनाने की,यह दिन सिर्फ़ स्पेन की तारिख का काला दिन नहीं था बल्कि मुस्लिम काम के लिए सबक आमोज़ दिन था, मगर हम आज भी उसी भूल को दोहरा रहे हैं ख़ुद को अप्रिल फूल बना रहे हैं काश हम समझ पाते और अप्रिल फूल बनने के बजाये अपने ईमान को मज़बूत करके इस तरह के दिनों को एक सबक और इबरतनाक दिन के तौर पर लेते और यहूदी और ईसाई साजिशों के जाल में न फसते .