Friday, January 18, 2008

v ) हज़रत शाह बुलाकी साहब की ज़ारत (मुरादाबाद)

हज़रत शाह बुलाकी साहब का जन्म 1042 हिज़री संवत् में स्योहारा (जिला बिजनौर) में हुआ था। हज़रत साहब बचपन से ही बहुत प्रतिभाशाली थे। मदरसे में वह सदैव अपने सहपाठियों से अलग रहा करते थे। इनके सहपाठी इनको दीवाना और पागल कहकर चिढ़ाते थे। मदरसे में जब उनके उस्ताद ने जब इनसे विस्मिल्लाह शब्द बोलने को कहा , तब शाह बुलाकी साहब ने विस्मिल्लाह शब्द की व्याख्या अपने तरीके से की। इस पर उस्ताद चकित रह गए और उन्होंने समझ लिया कि यह बालक अत्यन्त असाधारण है तथा भविष्य में यह लोगों में ज्ञान का प्रकाश बिखेरेगा । हज़रत साहब ने मात्र सात वर्ष की आयु में कुरान का अध्ययन पूर्ण कर लिया था। आपको इस आयु में कुरान पूरा जुबानी याद था। शाह बुलाकी साहब को अपाहिजों , बेवाओं तथा निर्धनों की सहायता करने में बहुत संतुष्टि मिलती थी।
वह अपनी आत्मिक शान्ति के लिए अपाहिजों , बेवाओं तथा निर्धनों के घरों में सफाई इत्यादि का कार्य किया करते थे। जब साथ के लोगों ने इनका विरोध किया , तब यह मुरादाबाद आकर रहने लगे। उन्होंने मुरादाबाद में एक मस्जिद का निर्माण कराया (मोहल्ला चक्कर का मिलाक में)। आज भी इसी मस्जिद के निकट हज़रत शाह बुलाकी साहब की ज़ारत मौजूद है।

1 comment:

AIJAZ AHMAD said...

Masha Allaha bahut ache information milne is page pr Allaha Is ki Jaza Atta kare Aameen
Summa Ameen
Hazrat k Mazar ki Chand Jhalkiyan is page pr bhi mojud h
plz click this page
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